भोपाल गैस त्रासदी मामले में ३४ साल से लोग न्याय के लिए संघर्ष कर रहे है। जहरीली गैस से प्रभावित हुए लोग अब भी उचित इलाज, पर्याप्त मुआवजे, न्याय एवं पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस कांड के प्रभावितों को मुआवजा देने संबंधी केंद्र सरकार द्वारा दायर की गई याचिका पर अप्रैल में सुनवाई करने का निर्णय लिया है। याचिका में केंद्र सरकार ने भोपाल गैस आपदा पीड़ितों के मुआवजे के लिए यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (यूसीसी) से ७४१३ करोड़ रुपए की अतिरिक्त मांग की गई है।
यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (Union Carbide India Limited) के भोपाल स्थित पेस्टीसाइड प्लांट से २-३ दिसंबर १९८४ की रात को जहरीली गैस लीक हुई थी। इस जहरीली गैस का उपयोग कीटनाशक बनाने के लिए किया जाता था। इस गैस के प्रभाव में आने के कारण लगभग १५००० लोगों की जान चली गई थी। हालांकि मरने वालों के अनुमान पर विभिन्न स्त्रोतों की अपनी-अपनी राय होने से इसमें भिन्नता मिलती है, फिर भी पहले अधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या ३,००० बताई गई थी। बता दें कि इस त्रासदी में कई लोग अनेक तरह की शारीरिक अपंगता से लेकर अंधेपन के भी शिकार हुए, जो आज भी त्रासदी की मार झेल रहे हैं।