जम्मू-कश्मीर में हिंसा भड़काने वाले संगठनों के खिलाफ सरकार ने लगाम कसना शुरु कर दिया है। जम्मू-कश्मीर में सालों से सक्रिय रहे जमात-ए-इस्लामी पर सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। जमात-ए-इस्लामी के ७० से अधिक बैंक खाते को सीज किया जा चुका है। जबकि इस मामले के तहत ३५० लोगों की गिरफ्तार हो चुकी है। बता दें कि जमात-ए-इस्लामी के तहत करीब ४०० स्कूल,३५० मदरसे जुड़े हुए है। जानकरी के मुताबिक जमात-ए-इस्लामी के पास तकरीबन ४५०० करोड़ रुपए की संपत्ति है।
जमात-ए-इस्लामी पर गुरुवार को बैन लगा दिया गया था। इस संगठन पर आतंकवादियों से सांठगांठ करने का आरोप है। सरकारी अधिकारियों के अनुसार यह संगठन कई साल से अपने अलगाववाद और पाकिस्तान समर्थन एजेंडे के तहत राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए राज्य में अलगाववादियों और आतंकवादियों को साजो-सामान दे रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर राज्य के सबसे बड़े आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन और हुर्रियत कांफ्रेंस के साथ जुड़े होने का आरोप है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर उच्चस्तरीय बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गैर कानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत इस संगठन पर गुरुवार को पाबंदी लगाते हुए अधिसूचना जारी की थी। पुलवामा में १४ फरवरी को हुए आतंकी हमले को लेकर कार्रवाई तेज कर दी गई थी। जिसके तहत सरकार को कई खास जानकारियां हाथ लगी है।