जोधपूर की अदाल ने आसाराम को बलात्कार के मामे में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।आसाराम को जेल में अब नई एक नई पहचान कैदी नंबर 130 के नाम से जाना जाएगा। ये नंबर उनकी एक नई पहचान बन कर उनके साथ अजीवन के लिए जुड़ गया है। बत दें कि वह जोधपुर की सेंट्रल जेल में पिछले करीब साढ़े चार साल से बंद है।
बहरहाल जानकारी के मुताबिक आसाराम ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
बता दें कि विशेष न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर सेंट्रल जेल में लगाई गई अदालत में आसाराम को बलात्कार का दोषी ठहराया और उसे उम्र कैद की सजा सुनाई। जबकि उसके सहयोगियों शरद और शिल्पी को अदालत ने 20-20 साल की सजा सुनाई।?? उसपर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। यह फैसला ऐसे समय आया है जब यौन हिंसा, विशेषकर नाबालिगों और बच्चों से बलात्कार के बढ़ते मामलों को लेकर देश में बहस चल रही है।