बलात्कार के मामले में जोधपूर जेल में सजा काट रहे आसाराम को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात पुलिस को फटकार लगाई है। जांच मे हो रही देरी को लेकर अदालत का कहना था कि पुलिस जिस तरह से काम कर रही है, उससे लगता है कि गवाहों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया महीनों तक यूं ही चलती रहेगी। बेंच ने टिप्पणी की कि पुलिस मामले में टालमटोल का रवैया अपना रही है।
जस्टिस एनवी रमना व एस अब्दुल नजीर की बेंच ने कहा कि पांच सप्ताह के भीतर गवाहों के बयान दर्ज किए जाए। मामले की अगली सुनवाई तभी की जाएगी। गुजरात सरकार की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता का कहना था कि स्टार अहम गवाह के बयान दर्ज किए जाने बाकी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने जब पूछा कि ये कब तक दर्ज हो जाएंगे तो मेहता का जवाब था कि दो से तीन माह का समय लगेगा। अदालत ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि इसे पांच सप्ताह में पूरा करें। शुक्रवार को आसाराम की जमानत याचिका पर सुनवाई की जा रही थी।