केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल, डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की संभावना को आज एक तरह से खारिज करते हुए कहा कि इस तरह का कोई भी कदम नुकसानदायक हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से कहा कि वे अपने हिस्से के टैक्स का ईमानदारी से भुगतान करें, जिससे पेट्रोलियम पदार्थों पर राजस्व के स्रोत के रूप में निर्भरता कम हो सके।
उरुण जेटली ने अपने बयान में कहा है कि पिछले चार साल के दौरान केंद्र सरकार का टैक्स-जीडीपी अनुपात 10 प्रतिशत से सुधरकर 11.5 प्रतिशत हो गया है। इसमें से करीब आधी (जीडीपी का 0.72 प्रतिशत) वृद्धि गैर- तेल कर जीडीपी अनुपात से हुई है. जेटली ने कहा कि गैर-तेल कर से जीडीपी अनुपात 2017-18 में 9.8 प्रतिशत था। यह 2007-08 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है।
नोटबंदी-जीएसटी को लेकर जेटली ने कहा कि इससे फायदें हुआ है। बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में हासिल हुई 7.7% की वृद्धि दर से एक बार फिर से यह स्थापित हो गया है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है।