मोदी सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल राज्यसभा से पारित करवा कर इतिहास रच दिया है। अब मंगलवार को सरकार इसे लोकसभा में पेश करेगी। लोकसभा में मतों के आकड़े को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि वहां भी यह बिल आसानी से पास हो जाएगा।
लोकसभा में मंगलवार को सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर से संबंधित संकल्प और विधेयक लाए जाने के मद्देनजर कांग्रेस ने सदन के अपने सभी सदस्यों को व्हिप जारी कर उपस्थित रहने को कहा है।उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने कल राज्यसभा में इस बिल का विरोध करते हुए इसके खिलाफ वोटिंग की थी।
वैसे तो इस बिल का पास होना तय है क्योंकि अकेले एन.डी.ए के पास बहुमत है। स्पीकर का वोट अलग कर दें तो भी भाजपा के पास ३०२ वोट है। जो बहुमत साबित करने के लिए काफी है। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को पारित करने के लिए उच्च सदन में हुए मत विभाजन में संबंधित प्रस्ताव ६१ के मुकाबले १२५ मतों से इस बिल को मंजूरी दी गई थी।
इस विधेयक में जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख और जम्मू और कश्मीर में विभाजित किया गया है। इसके अलावा, संसद के उच्च सदन में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (दूसरा संशोधन) विधेयक भी पारित किया गया। जिसके तहत आर्थिक रुप से पिछड़े व कमजोर सवर्णों को १०% आरक्षण दिया जाएगा।