सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने लोकपाल की नियुक्ति समेत विभिन्न मांगों को लेकर अपना प्रस्तावित अनशन मंगलवार को टाल दिया। उन्होंने यह फैसला महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गिरीश महाजन से बातचीत करने के बाद लिया है। अन्ना हजारे का कहना है कि मंगलवार को हुई बैठक के दौरान सरकार की ओर से कुछ कदम उठाए गए हैं जिनसे 'उम्मीद की किरण' नजर आ रही है। हालांकि, उन्होंने कहा कि मांगे पूरी नहीं होने पर वह 30 जनवरी से विरोध शुरू करेंगे। सूत्रों का कहना है कि अन्ना हजारे को प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह की ओर से एक पत्र मिला है। जिसमें इस बात का जिक्र किया गया है।
हालांकि इससे पहले उन्होंने ऐलान किया था कि वह लोकपाल और किसान के मुद्दों को लेकर दो अक्टूबर से अनशन करेंगे और उनका ये फैसला अटल है। इस बीच उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यह आरोप लगाया कि पिछले चार साल में सरकार टाल-मटोल का रवैया अपनाती रही और लोकपाल या लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं की। पत्र में इस बात का भी जिक्र किया गया कि ??लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति के लिये 16 अगस्त, 2011 को समूचा देश सड़कों पर उतर आया था। आपकी सरकार इसी आंदोलन की वजह से सत्ता में आयी। ??