भ्रष्टाचार के विरुध आदोलन करने वाले अन्ना हजारे ने एक बार फिर से लोकपाल बिल और किसानों के हक से जुडड़े कई मुद्दो को लेकर शुक्रवार (23 मार्च) से अनिश्चतकालीन भूख हड़ताल शुरू किया है। वह रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे हैं। गौरतलब है कि 2011 में भी अन्ना हजारे ने लोकपाल बिल को लेकर कई दिनों तक अनशन किया था। हालांकि उस वक्त कांग्रस सत्ता में थी।
इस बार अन्ना हजारे ने केंद्र में मोदी सरकार पर हमला बोला है। हजारे कृषि पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के अलावा केन्द्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति की मांग पर जोर दे रहे हैं। अनशन पर बैठने से पहले अन्ना राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी को नमन किया. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि के दौरान अन्ना के साथ उनके कई समर्थन मौजूद थे।
जानकारी के मुताबिक अन्ना हजारे ने प्रेस वार्ता के दौरान कहना है कि चार महीने पहले ही उन्होने इस मामले को लेकर अनुमति मांगी थी। हजारे ने यहां एक प्रेस वार्ता में कहा था, "मैंने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को चार महीने में 16 पत्र लिखे हैं. लेकिन मुझे अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।?
सामाजिक कार्यकर्ता हजारे ने कहा था, "अगर सरकार मुझे अनुमति नहीं देती है और विरोध जताने की जगह प्रदान नहीं करती है तो भी मैं जेल में सत्याग्रह करने को तैयार हूं. जेल मेरे लिए नई जगह नहीं है. इससे पहले 2011 में भी मैंने ऐसा ही किया था." हजारे ने कहा कि सरकार जानबूझकर बाधा उत्पन्न कर रही है, लेकिन इससे प्रदर्शन नहीं रुक पाएगा।