अमृतसर रेल हादसे में ट्रेन ड्राइवर का बयान सामने आया है। ट्रेन ड्राइवर ने दशहरे की रात हुए हादसे की पूरी कहानी बया की है। अपने पत्र में ट्रेन ड्राइवर ने लिखा कि 'मैंने 19 अक्टूबर को शाम 5 बजे चार्ज लिया। 'जैसे ही गाड़ी केएम-नं. 508/11 के आसपास पहुंची तो सामने से गाड़ी सं. 13006 डीएन आ रही थी। अचानक लोगों का हुजूम ट्रैक के पास दिखाई दिया तो मैंने तुरंत हॉर्न बजाते हुए इमरजेंसी ब्रेक लगा दिया। इमरजेंसी ब्रेक लगाने पर भी मेरी गाड़ी की चपेट में कई लोग आ गए। गाड़ी की स्पीड लगभग रुकने के करीब थी तो बड़ी संख्या में लोगों ने मेरी गाड़ी पर पथराव शुरू कर दिया। गाड़ी में बैठी सवारियों की सुरक्षा को देखते हुए ट्रेन को आगे बढ़ाया और होम सिग्नल की स्थिति में अमृतसर स्टेशन पर आ गया।
वहीं ड्राइवर द्वारा दिए गए इस बयान पर स्थानिय लोगों ने सवालिया निशान खड़े कर दिए है। इसके साथ ही स्थानिय लोगों ने इसे गलत व झूठा बताया है। अधिकारियों के मुताबिक इस ट्रेन (डीईएमयू) की अधिकतम रफ्तार 96 किमी प्रति घंटा हो सकती है। अगर ब्रेक लगाए जाएं तो ऐसी स्थिति में खाली ट्रेन 300 मीटर चलकर पूरी तरह रुक जाएगी, वहीं सवारियों से भरी होने पर 600 मीटर तक चलने के बाद रुकेगी। डीआरएम फिरोजपुर के मुताबिक ट्रेन की रिकॉर्ड की गई आखिरी रफ्तार 68 किमी प्रति घंटा थी।
गौरतलब है कि दशहरे की शाम हुए ट्रेन हादसे में 61 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 70 से ज्यादा लोग इस हादसे में घायल हुए है। इस हादसे के बाद स्थानीय निवासी घटना स्थल पर प्रदर्शन कर रहे थे और पटरियों को अवरोधित कर बैठे हुए थे। हालांकि ट्रेनों का परिचालन करीब 40 घंटे बाद रविवार दोपहर बहाल कर दिया गया है।