मी टू अभियान के तहत कई महिलाओं की तरफ से सेक्शुअल हैरसमेंट के आरोपों का सामना कर रहे केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर की मुश्किले एक बार फिर से बढ़ती हुई नजर आ रही है। मी टू अभियान के तहत एमजे अकबर मोदी सरकार में बने रहेंगे या नहीं, इसे लेकर एक बार से विवाद खड़ा हो गया है।
रविवार माडिया सम्मेल के दौरान उन्होंने कहा कि अब मैं लौट आया हूं और आगे क्या कानूनी कार्रवाई की जाए, इसके बारे में मेरे वकील देखेंगे। आपको बता दें कि मीटू अभियान के तहत करीब 10 महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। इन महिला पत्रकारों में एक विदेश महिला पत्रकार भी शामिल हैं। हालांकि एमजे अकबर ने अपने उपर लाए गए विवादों को गलत बताया है।
हालांकि मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रविवार को पीएमओं में एक उच्च स्तरीय बैठक में ये बात भी सामने आई है कि रविवार को नाइजीरिया से लौटने के बाद एमजे अकबर ने एक ईमेल के द्वारा अपने पद से इस्तीफा भेज दिया है लेकिन इस बात की पूर्ण रुप से पुष्टी नहीं की गई है।
वहीं दूसरी तरफ ऐसा माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के इस्तीफे के लिए बढ़ रहे दबाव को देखते हुए केंद्र सरकार और भाजपा जल्द ही कोई फैसला ले सकती है। हालांकि भाजपा कोई भी फैसला लेने से पहले पूरे मामले में केंद्रीय मंत्री से उनका पक्ष सुनना चाहती है। जिसके बाद ही केंद्र सरकार कोई फैसला लेगी। मिली जानकारी के अनुसार अपने विदेशी दौरे से लौटने के बाद बाद अब भाजपा पहले अकबर से उनका स्पष्टीकरण मांगेगी। इसके बाद यह फैसला किया जाएगा कि इस मामले में पार्टी और सरकार को आगे क्या कदम उठाने चाहिए।