एससी/ एसटी एक्ट में किए गए संशोधन को लेकर दलित समुदाय ने दो अप्रैल को देश भर में प्रदरशन किया था। जिसके कारण कई राज्यों में हिंस्सा भड़क गई थी। बहरहाल आगामी चुनाव को देखते हुए पार्टियां दलित समुदाय को मोहने के काम में जुटती नजर आने लगी है।
बता दें कि मध्य प्रदेश में कुछ महीने बाद ही विधानसभा के चुनाव होने हैं। जिसके लिए पार्टियां अभी से ही दलित वर्ग का वोट अपनी तरफ करने में जुट गई है। बहरहाल आंध्र प्रदेश में बीजेपी कार्यकर्ता गोपाल भार्गव का एक अटपटा बयान सामने आया है।
इन्होने ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा 'यदि योग्यता को दरकिनार करके अयोग्य लोगों का चयन किया जाए और 90 फीसदी वाले को बैठा दिया जाएगा और 40 फीसदी वाले की नियुक्ति की जाए तो यह देश के लिए घातक है।' उन्होंने कहा इससे हमारा देश पिछड़ जाएगा। कहीं ब्राह्मणों के साथ अन्याय न हो जाएगा। यह प्रतिभा के साथ एक मजाक है और ईश्वर की व्यवस्था के साथ अन्याय हो रहा है।
हालांकि गोपाल भार्गव द्वार कथित बयान दिए जाने के बाद जब इस मामले में राजनीति गर्मा गई तो उन्होने इस बात का खंणन करते हुए कहा कि अपने अब तक के 40 साल के राजनीतिक करियर में कभी भी आरक्षण का जिक्र नहीं किया है। इसके साथ ही उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को राजनीतिक कारणों से तोड़ मरोड़ कर लोगों के समक्ष पेश किया जा रहा है।