सबरीमाला मंदिर विवाद मामले में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा दिया गया विवादास्पद बयान अब महंगा पड़ता नजर आ रहा है। दरसल मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर विवादित बयान दिए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ बिहार के सीतामढ़ी में परिवाद दर्ज किया गया है। यह परिवाद अधिवक्ता ठाकुर चंदन सिंह ने दर्ज करवाया है। अधिवक्ता ठाकुर चंदन सिंह ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सरोज कुमारी की अदालत में स्मृति इरानी और महिलाओं के प्रवेश के विरोध में उक्त मंदिर के सामने प्रदर्शन कर रहे अज्ञात लोगों के खिलाफ भादवि की धारा 295 ए, 353, 124 ए, 120 बी आदि के तहत परिवाद पत्र दायर किया है। हालांकि इस मामले की अगली सुनवाई 29 अक्तूबर को होगी।
आपको बता दें कि मंगलवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मुंबई में एक कार्यक्रम को दौरान बयान दिया था कि औरतों को पूजा करने का अधिकार है लेकिन धार्मिक स्थलों को अपवित्र करने का अधिकार नहीं है। स्मृति ने यह भी कहा था कि जब खून से सना पैड लेकर दोस्तों के घर नहीं जाना पसंद करते है तो भगवान के घर जाना पसंद करेंगी? इसके कुछ घंटे बाद ही स्मृति ने ट्वीट किया कि उन्होंने दो तथ्यात्मक बातें कहीं, लेकिन उनके खिलाफ प्रोपेगेंडा बना दिया।
सबरीमला मंदिर की पुरानी परंपरा के अनुसार 10 से 50 वर्ष की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं थी हालांकि कि सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए सभी वर्ग की मिलाओं को प्रवेश करने की इजाज़त दे दी है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के सुनाए गए फैसले के बाद भी महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा।