आध्यात्मिक गुरु दादा वासवानी का गुरुवार सुबह पुणे में निधन हो गया। उन्होने आज सुबह 9 बजे आखरी सांस ली। बताया जा रहा है कि वे कुछ समय से बीमार चल रहे थे। वे 99 साल के थे और अगस्त महीने में वे 100 साल के होने वाले थे। उनके 99 वें जन्म दिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्?फ्रेंस के जरिए शुभकामनाएं भी दी थीं और इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया था कि दादा से उनकी पहली मुलाकात संयुक्?त राष्?ट्र के विश्?व धार्मिक सम्?मेलन में 27 साल पहले हुई थी।
बहरहाल आध्यात्मिक गुरु दादा वासवानी का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए पुणे के साधु वासवानी मिशन में रखा गया है। जहां लोग उनके आखरी दर्शन के लिए आ रहे है।
दादा शाकाहार को बढ़ावा देने और पशुओं के सरंक्षण के लिए मुहिम चला रहे थे। उन्होंने 150 से ज्यादा किताबें लिखीं। साधु वासवानी मिशन पुणे में स्थित एनजीओ है जिसके दुनिया भर में कई केंद्र हैं।
आध्यात्मिक गुरु दादा वासवानी का जन्म 2 अगस्त 1918 को हैदराबाद में हुआ था। उनके सात भाई-बहन थे। उनकी तीन बहनें और वह चार भाई थे। उनके पिता हैदराबाद में एक स्कूल में टीचर थे।