राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में सैंट गोबेन के अधिकारियों के साथ आज बैठक आयोजित की गई की। सैंट गोबेन ने फ्लोट ग्लास की एशियाई मांग के निर्माण के लिए राजस्थान में दूसरे चरण के विस्तार के लिए निवेश करने की इच्छा ज़ाहिर की। 2010 से अपनी निवेश घोषणा के बाद से, सैंट गोबेन पहले ही 1200 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर चूका हैं, और 1100 को प्रत्यक्ष रोजगार भी दिया है। इसके चलते सैंट गोबेन ने मुख्यमंत्री को प्रस्तावित निवेश योजना प्रस्तुत की और औद्योगिक पॉलिसी फ़्रेमवर्क के तहत प्रोत्साहन और समर्थन के लिए अनुरोध किया। विस्तार योजना के तहत, कंपनी राज्य में 1100 करोड़ रुपये के नये निवेश और 300+ प्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगी । इस विस्तार के साथ, राजस्थान प्रदेश ग्लास फ्लोट लाइन क्षेत्र में एशिया का सबसे बड़ा क्षेत्र बन जायेगा।
माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा, सैंट गोबेन विश्व में ग्लास के क्षेत्र में अपने आप में एक बड़ा नाम है, और उनके द्वारा राजस्थान में विस्तार हेतु नये निवेश करने से राज्य में निवेश प्रोत्साहन के परिदृश्य का इससे बेहतर प्रचार नहीं हो सकता। उन्होंने आगे कहा की, इंवेस्टमेंट्स के लिए सैंट गोबेन को राज्य सरकार सर्वोत्तम वातावरण प्रदान करेगी और भविष्य के लिए समर्थन का आश्वासन भी दिया।
भारत में सैंट-गोबेन ग्रुप के चेयरमैन श्री बी संथानम ने कहा, ?भारत में तेजी से विकास के लिए भिवाड़ी स्थित सैंट-गोबेन वर्ल्ड ग्लास कॉम्प्लेक्स, में एक नए फ्लोट ग्लास प्लांट में विस्तार हेतु निवेश करेगा। राजस्थान इस निवेश के लिए आदर्श राज्य है क्योंकि इसमें कच्चे माल की प्रचुर उपलब्धता, उत्कृष्ट प्रतिभा क्षमता और सबसे महत्वपूर्ण एक प्रगतिशील और गतिशील राज्य सरकार है। 1000 करोड़ रुपये से अधिक के इस नये निवेश से हमें भारत में बढ़ते निर्माण और ऑटोमोटिव बाजारों के लिए उन्नत और मूल्य वर्धित उत्पादों का उत्पादन करने में मदद मिलेगी।
पिछले दो वर्षों से, राजस्थान अपने बहुत ही आकर्षक उद्योग नीति फ़्रेमवर्क के कारण, COVID 19 के खिलाफ एक केंद्रित लड़ाई के बावजूद सफलतापूर्वक निवेश आकर्षित कर रहा है। हाल ही में राज्य ने सफलतापूर्वक रु 1,50,000 करोड़ से अधिक निवेश प्रस्ताव आकर्षित किए है। जिसमे ग्रीन एनर्जी, आईटी, स्टार्टअप्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, ग्लास उत्पादन, फैब्रिक एंड टेक्सटाइल, बाथवेयर, अर्थ मूविंग, मेडिकल एंड हेल्थ, सिरेमिक, माइन्स एंड मिनरल्स आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों से कई कंपनी ने राजस्थान में निवेश करने कि इच्छा ज़ाहिर की है ।
विशेष रूप से भारत में राजस्थान ज़िंक और लीड का एकमात्र उत्पादक है, जो मार्बल, लाइमस्टोन, और सैंडस्टोन का सबसे बड़ा उत्पादक है, ग्रेनाइट, पोटाश और फ़ेलस्पर के लिए सबसे बड़ा भंडार है, जो मूल्य में दूसरा सबसे बड़ा खनिज उत्पादक राज्य है। राज्य के 18 जिलों में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति है जिससे सिरेमिक, ग्लास और अन्य गैस आधारित उद्योगों को लाभ हो रहा है।
क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए, राज्य सरकार ने राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (RIPS)-2019, राजस्थान औद्योगिक विकास नीति-2019, राजस्थान कृषि प्रसंस्करण-कृषि व्यवसाय और कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019, राजस्थान पवन और हाइब्रिड नीति-2019, राजस्थान सौर ऊर्जा नीति-2019 जैसी विभिन्न नीतियों की तहत घोषणा की थी। RIPS-2019 निवेश सब्सिडी, रोजगार सृजन सब्सिडी, और भूमि कर, बिजली शुल्क, मंडी शुल्क, स्टाम्प शुल्क और रूपांतरण शुल्क के भुगतान से छूट के रूप में योग्य उत्पादन कर्ता को और सर्विस उद्यमिओं को लाभ प्रदान करता है।
बैठक में श्री परसादी लाल मीणा, माननीय मंत्री, उद्योग और एनआरआई, राजस्थान सरकार, संथानम बी - अध्यक्ष, सेंट गोबेन इंडिया ग्रुप और सीईओ - भारत, श्री अर्जुन सिंह बामनिया, माननीय उद्योग और बीपीई राज्य मंत्री, राजस्थान सरकार, श्री निरंजन आर्या, मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार, श्री अखिल अरोड़ा, प्रमुख सचिव, वित्त, राजस्थान सरकार, श्री कुलदीप रांका, माननीय मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव और रीको के अध्यक्ष, राजस्थान सरकार, श्री आशुतोष ए.टी. पेडनेकर, सचिव, उद्योग और एनआरआई, राजस्थान सरकार, श्री अमित ढाका, विशेष सचिव, सीएमओ; श्रीमती अर्चना सिंह, आयुक्त, बीआईपी और उद्योग, राजस्थान सरकार आदि ने भाग लिया।