२००२ गोधरा कांड : याकूब पातालिया को एसआईटी अदालत ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

Aazad Staff

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वर्ष २००२ के गोधरा कांड मामले में अहमदाबाद स्थित विशेष एसआईटी अदालत ने बुधवार को याकूब पटालिया को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बता दें कि २००२ में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगा दी गई थी जिसके कारण ५० से ज्यादा लोगो की मौत हो गई थी।

वर्ष २००२ में हुए गोधरा कांड मामले में अहमदाबाद की एक विशेष एसआईटी अदालत ने बुधवार को याकूब पटालिया को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में कुछ लोगों ने आग लगा दी थी। इस हादसे में ५९ लोग मारे गए थे। जिसके बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क उठे थे।

इस हादसे को अंजाम देने में याकूब पटालिया का नाम भी शामिल था। पिछले साल जनवरी में गुजरात पुलिस ने घटना के १६ साल बाद याकूब को गिरफ्तार करने में सफलता पाई थी. पुलिस ने ६४ वर्षीय याकूब को मामले की जांच कर रही एसआईटी को सौंप दिया था।

याकूब के खिलाफ सितंबर २००२ में एफआईआर दर्ज की गई थी. गिरफ्तारी के बाद उसपर हत्या की कोशिश सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मुकदमा चलाया गया. एफआईआर दर्ज होने के बाद भी वह गिरफ्तारी से बचने के लिए भाग रहा था। इस मामले में याकूब के भाई कादिर पटालिया को २०१५ में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि मामले की सुनवाई के दौरान कादिर की जेल में ही मौत हो गई थी।

गौरतलब है कि २००२ गोधरा कांड में एसआईटी अदालत ने सुनवाई करते हुए दो आरोपियों को दोषी करार दिया था और तीन लोगों को बरी कर दिया था।
बता दें कि २७ फ़रवरी २००२ को गुजरात में स्थित गोधरा शहर में एक रेलगाड़ी में आग लगने से ५९ यात्री की मौत हो गई थी। जिनमें अधिकांश लोग हिन्दू बिरादरी से थे। इस घटना का आरोप मुख्य रूप से मुस्लमानों पर लगाया गया था। जिसके बाद गुजरात में २००२ में दंगे भड़क उठे थे।

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