13 दिसंबर: संसद पर आतंकी हमले की आज 17वीं बरसी

Aazad Staff

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13 दिसंबर, 2001 को फर्जी आईडी कार्ड के जरिये आतंकियों ने संसद भवन में प्रवेश किया। इस दौरान भवन में तकरीबन 200 सांसद लोकसभा में मौजूद थे। पूरी तैयारी के साथ आए इन आतंकियों ने 45 मिनट तक ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थी।

भारतीय संसद पर आतंकी हमले की आज 17वीं बरसी है। 13 दिसंबर, 2001 को देश की राजधानी के सबसे महफूज माने जाने वाले संसद भवन पर आज ही के दिन आतंकी हमले को अंजाम दिया गया था। एक सफेद एंबेसडर कार में आए पांच आतंकवादियों ने 45 मिनट में संसद भवन में गोलियों की बोछार शुरु कर दी थी। इस आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। इस आतंकी हमले में 14 लोगों ने अपनी जान गँवाई थी जिनमे दिल्ली पुलिस के 5 जवान भी शामिल थे।

कब और कैसे हुआ था हमला -

यह हमला सुबह 11:30 मिनट पर शुरू किया गया था। एके-47 से लैस पांचों आतंकियों ने संसद के गेट नंबर 1 पर खड़ी एक सफेद रंग की कार में बैठकर अंधाधूंध फायरिंग की थी। आतंकियों ने करीब 30-45 मिनट तक लगातार संसद भवन में गोलियां बरसाईं और बारुद गोले फेंके। इसके बाद उन्होंने सुरक्षा कर्मि?यों पर हमला कर भागने की कोश?िश की लेक?िन जांबाज जवानों ने उनका प्?लान फेल कर दिया। जवानों ने अपनी जान पर खेलकर सभी पांचों आतंकियों को मार गिराया।

हमले की साजिश रचने वाले मुख्य आरोपी अफजल गुरु को दिल्ली पुलिस ने 15 दिसंबर 2001 को गिरफ्तार किया। संसद पर हमले की साजिश रचने के आरोप में सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त, 2005 को उसे फांसी की सजा सुनाई थी। उसने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दायर की थी। हालांकि इस दया याचिका को 3 फरवरी, 2013 को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया और 9 फरवरी, 2013 को अफजल गुरु को दिल्ली की तिहा?ड़ जेल में फांसी दी गई।

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