जेजेटी विश्वविद्यालय को राजस्थान का सबसे जीवंत ग्रामीण हब बनाने की दिशा में संकलित, डॉ (कर्नल) नागाराज मंथा; कोमोडोर (डॉ) जवाहर जाँगीर; और डॉ अनुराग ने क्रमशः प्रेसिडेंट, प्रो-प्रेसिडेंट (एडमिनिस्ट्रेशन) और प्रो-प्रेसिडेंट (एकेडमिक्स) के रूप में कार्यभार संभाला है। शिक्षा जगत के इन कुछ नामचीन वरिष्ठ शिक्षाविदों और देश के संग - संग विदेश में कार्य कर चुके अनुभवी लोगों को विश्वविद्यालय ने अपने साथ जोड़ा है।
जेजेटी विश्वविद्यालय में शामिल होने से पहले, डॉ। मंथा NICMAR हैदराबाद में डिप्टी डीन और प्रोफेसर थे। वह NICMAR दिल्ली में संस्थापक डीन भी थे। डॉक्टर मंथा को देश-विदेश में कुशल कार्यों के लिए जाना जाता है और उनके मार्गदर्शन से भविष्य में जेजेटी विश्वविद्यालय और छात्र लाभान्वित होंगे ।
जेजेटी विश्वविद्यालय में शामिल होने से पहले डॉ। जांगिड़ BSDU जयपुर में प्रोफेसर और प्रिंसिपल इलेक्ट्रिकल स्किल्स और निदेशक औद्योगिक संबंधों रहे हैं। प्रो प्रेसीडेंट डॉ० (कोमोडोर) जवाहर जाँगीर, जिन्हें विदेशों में अपने प्रभावशाली कार्यों की वजह से एक अलग पहचान मिली है और जेजेटी विश्वविद्यालय में इनके नए नजरिए से यहाँ के कार्यप्रणाली के संचालन को अभूतपूर्व बल मिला है।
प्रो प्रेसीडेंट डॉ० अनुराग विश्व के कई देशों में इन्होंने अपनी सेवाएँ दी। ये जहाँ भी रहे, शिक्षण के इनके नए और खोजी तरीके ने छात्रों को एक मुकाम दिलाया। अब डॉ० अनुराग से जे०जे०टी० विश्वविद्यालय के छात्रों को उसी नई तकनीक का फायदा दिलवाएंगे ।
श्री जगदीश प्रसाद झाबरमल टिबड़ेवाला विश्वविद्यालय हमेशा से लड़कियों के शिक्षा को अनवरत आगे बढ़ाते रहने में अग्रणी भूमिका निभाता आ रहा है। लड़कियों के शिक्षण शुल्क में आज भी 75 प्रतिशत की छूट को जारी रखा गया है। यहाँ के ज्यादातर फैकल्टी मेंमबर्स काफी अनुभवी है। जिन नए फैकल्टी मेंबर्स को विश्वविद्यालय ने अपने संग जोड़ा है, उनमें ज्यादातर आईआईटी बैकग्राउंड से होने के नाते एक उच्चस्तरीय तरीके से यहाँ के छात्रों को शिक्षा प्रदान करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
जेजेटी विश्वविद्यालय की भविष्य की योजनाओं में ये सर्वोपरि है कि इस ग्रामीण क्षेत्र को, विश्व की एक बड़े और प्रतिष्ठित शिक्षा नगरी की पहचान मिले।