उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने में जुटी सरकार ने डीयू, बी.एच.यू सहित देश के १४ और उच्च शिक्षण संस्थानों को उत्कृष्ट संस्थान घोषित किया है। इनमें ७ सरकारी और ७ निजी क्षेत्र के संस्थान शामिल है। हालांकि इनमें से २ सरकारी और २ निजी क्षेत्र के संस्थानों को यह मंजूरी सशर्त दी गई है। जिसके लिए राज्यों से अनुमति जरूरी होगी।
वहीं इन सभी संस्थानों को विश्वस्तरीय सुविधाएं जुटाने के लिए अगले पांच साल में एक-एक हजार करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। सरकारी संस्थानों को यह राशि सरकार देगी, जो बजट के अतिरिक्त होगी, जबकि निजी संस्थानों को यह राशि खुद अपने पास से खर्च करनी होगी।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की अगुवाई में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में इनमें से १४ संस्थानों को उत्कृष्ट संस्थान ( इंस्ट्टीट्यूट आफ इमीनेंस) का दर्जा देने की मंजूरी दी है। मोदी सरकार ने देश के २० संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए उत्कृष्ट संस्थान बनाने की घोषणा की थी। इसके तहत पिछली सरकार में ही छह संस्थानों को यह दर्जा दिया गया था।
मानव संसाधान विकास विभाग द्वारा जिन संस्थानों को उत्कृष्ट संस्थान (IoE) का दर्जा दिया गया, उनके नाम ?.
१. आईआईटी खड़गपुर (IIT Kharagpur)
२. आईआईटी मद्रास (IIT Madras)
३. बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU)
४. दिल्ली विश्वविद्यालय (DU)
५. हैदराबाद विश्वविद्यालय (HU)
इनके अलावा पांच निजी संस्थानों के संबंध में भी IoE का दर्जा प्रदान करने के आशय पत्र (Letter of Intent) जारी कर दिए गए हैं। इन निजी संस्थानों के नाम हैं -
१. अमृता विद्यापीठम, तमिलनाडु
२. जामिया हमदर्द विश्वविद्याल
३. कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी, ओडिशा
४. भारती इंस्टीट्यूट, मोहाली
५. वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, तमिलनाडु