चंद्रग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को ग्रहण की छाया आदि से विशेषरूप से बचना चाहिए। ग्रहण गर्भवती महिलाओं के लिए दूसरे लोगों की तुलना में अधिक नुकसानदेह होता है। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए ऐसा शास्त्रों में कहा गया है। इसके पीछे ऐसी धारणा है कि हानिकारक किरणों की वजह से इसका बुरा प्रभाव गर्भ पर होता है। हालांकि विज्ञान कहता है कि खाने से कुछ बुरा प्रभाव नहीं होता है।
गर्भवती महिलाएं इस काल में कोई गांठदार वस्त्र न पहनें। मात्र एक ही वस्त्र तन पर हो तो अच्छा है। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को ग्रहण वाले दिन कोई नुकीली चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहियें। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण वाले दिन सुई धागे का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि गर्भवती महिलाओं के कमरे में गाय के गोबर से स्वास्तिक बनाएं।
चंद्रग्रहण के बाद गर्भवती महिलाएं अगर स्नान करती है तो ये उनके और उनके बच्चे के लिए लाभदायक है। क्योंकि ग्रहण से निकलने वाली तिरंगों से वातावरण दूषित हो जाता है जिससे नहाना जरूरी हो जाता है।
चन्द्रग्रहण के समय गर्भवती महिला भूलकर भी घर से बाहर न निकलें। गर्भवती स्त्री को ग्रहण के समय मुख्य तौर पर अपनी सुरक्षा करनी चाहिए।