सहजन एक ऐसा वृक्ष है जिसकी जड़े, फल-फूल, पत्ते सभी लाभदायक व उपयोगी हैं। यह एक ऐसा वृक्ष है जो बारह मांस उपयोग में आता है। मुनगा वृक्ष की जड़ से चर्म रोग ,एक्जिमा में बाहरी लेप बनाने के काम आता है। अक्सर महिलाओं में खून की कमी पीई जाती है। मुनगा/ सहजन का नियमित रुप से सेवन करें तो खून की कमी दूर हो जाती है।
मुनगा/ सहजन 300 से भी अधिक रोगो को दूर करने में लाभदायक होता है। सहजन के वृक्ष के छाल का सेवन करने से साइटिका , गठिया , लीवर जुड़ी बीमारियों को दूर करने में लाभकारी होता है। सहजन के छाल में शहद मिलाकर पीने से वात और कफ रोग खत्म हो जाते हैं। इसके साथ ही इसकी पत्ती का काढ़ा बनाकर पीने से गठिया की समस्या व परेशानी से निजात मिलता है।
इसके कोमल पत्तों का साग खाने से कब्ज दूर होता है इसके अलावा इसकी जड़ के काढ़े को सेंधा नमक और हिंग के साथ पीने से मिर्गी के दौरों में लाभ होता है।
सहजन में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है , जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं। इसके अलावा इसमें आइरन , मैग्नीशियम और सीलियम होता है। सहजन फली का रस सुबह शाम पीने से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है। इतनी ही नहीं मुनगा के फल के बीज से अशुध्द पानी को साफ किया जाता है।
सहजन एक औषधीय पेड़ है जिसका इस्तमाल 100 से भी अधिक तरीके से किया जाता है।
1-विटामिन सी- संतरे से 7%
2-विटामिन ए- गाजर से 4%
3-कैलशियम- दूध से 4%
4-पोटेशियम- केले से 3%
5-प्रोटीन- दही की तुलना में 3% पाया जाता है।