कमलादेवी चटोपाध्याय का जन्म 3 अप्रैल, 1903 को मंगलोर (कर्नाटक) के एक सम्पन्न ब्राह्मण परिवार में हुआ था। महज सात साल की उम्र में उनके सिर से पिता का साया उठ गया था, 14 वर्ष की उम्र में उनकी शादी हो गई थी।शादी के महज दो साल बाद ही कमलादेवी के पति कृष्ण राव की भी मृत्यु हो गई।
कमलादेवी को भारत की आजादी के संग्राम में योगदान के लिए याद किया जाता है। आज कमलादेवी का 115वां जन्मदिवस है। कमला देवी के बारे में कहा जाता है कि वे भारत की समाजसुधारक, स्वतंत्रतासंग्राम सेनानी, तथा भारतीय हस्तकला के क्षेत्र में नवजागरण लाने वाली गांधीवादी महिला थीं। इन्होने ऑल इंडिया वीमेन्स कांफ्रेंस' की स्थापना की।बता दे कि 1920 के दशक में राजनीतिक चुनाव में खड़ी होने वाली पहली महिला थी कमलादेवी।
इनेहोने गांधी जी के 'नमक आंदोलन' और 'असहयोग आंदोलन' में भी हिंसा लिया था।स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान वे चार बार जेल भी गईं और पांच साल तक जेल में बंद रही।
कमलादेवी ने हथकरघा और हस्तशिल्प को न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाई। कमला देवी को सामाजिक सेवा के लिए पद्म भूषण और मैग्ससे से सम्मानित किया गया था।