15 साल की छात्रा ने रेनर्जी का नाम डिवाइस बनाया है।

Aazad Staff

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कक्षा नवीं की छात्रा ने बनाई बारिश से चलने वाली मशीन

बच्चों में हमेशा सीखने की ललक होती है और इस सीखने की इस ललक में वे कभी-कभार कुछ आविष्कार भी कर देते हैं. ऐसा ही कुछ किया है 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली रेगान जामालोवा ने, जिन्होंने एक ऐसा डिवाइस बनाया है जिससे बारिश की बूंदों से बिजली बनाई जा सकती है. 15 साल की जामालोवा द्वारा बनाई गई यह डिवाइस बारिश के पानी से बिजली बनाने का काम करती है.

योरस्टोरी के मुताबिक जामालोवा ने इसे रेनर्जी का नाम दिया है. जामालोवा का सोचना था कि अगर हवा से बिजली बनाई जा सकती है तो बारिश के पानी से भी बिजली जा सकती होगी. उसके बाद उन्होंने अपने एक दोस्त के साथ इस आइडिया पर काम करना शुरू कर दिया. उन्होंने अपने टीचर्स की भी मदद ली और डिवाइस बनाना शुरू किया.

खास बात ये है कि जामालोवा के इस प्रोजेक्ट में अजरबैजान की सरकार ने भी सराहा और उन्हें 20 हजार डॉलर रुपये की मदद भी की. जामालोवा की ओर से बनाई गई यह डिवाइस 9 मीटर लंबी है जिसके चार हिस्से हैं- रेनवॉटर कलेक्टर, वॉटर टैंक, इलेक्ट्रिक जेनरेटर और बैटरी. टैंक में कलेक्टर के माध्यम से पानी भरता है तो वह धीरे-धीरे नीचे आता है जिससे जेनरेटर चलता है और बिजली उत्पन्न होती है.

इससे बनी बिजली को बैटरी में संरक्षित कर लिया जाता है जिसे फिर घरों में इस्तेमाल किया जा सकता है. इसकी क्षमता अभी सात लीटर पानी ही है, लेकिन फिर भी इससे 3 एलईडी जलाई जा सकती है. सबसे अच्छी बात यह है कि इस तरीके से बनाई गई बिजली पूरी तरह से नवीकरणीय होती है और इससे किसी भी तरह का प्रदूषण नहीं होता.

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