मन में दृढ़ इच्छाशक्ति हो और उसे पूरा करने का लगन हो तो हर मुश्किल भी आसान हो जाती है और इसे साबित कर दिखाया है मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले प्रदीप सिंह ने। प्रदीप सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी की परीक्षा में ९३रैंक हासिल किया है। मात्र २२ साल की कम उम्र में प्रदीप ने ये सफलता हासिल की है। कठिन परिस्थितियों में पढ़ने वाले प्रदीप के पिता पेट्रोल पंप पर पेट्रोल डालने का काम करते हैं।
प्रदीप की यूपीएससी की तैयारी के लिए पिता मनोज सिंह और घर के बाकी के सदस्यों ने उनके लिए कई त्याग किए। प्रदीप यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली आना चाहता थे, लेकिन घर में इतने पैसे नहीं थे कि वे दिल्ली आ कर के महंगे कोचिंग की फीस दे सके। लेकिन उनके माता पिता ने अपनी गरीबी को दरकिनार करते हुए अपने बेटे की पढ़ाई के लिए अपना घर बेच दिया। अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए प्रदीप दिल्ली आ गए। इस बीच रुकावटे भी कई आई जिसे पूरा करने के लिए उनकी मां को अपने गहने तक गिरवी रखने पड़े। प्रदीप बताते है कि उनका जीवन संघर्ष भरा रहा है। प्रदीप २०१७ से दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी में लगे हुए थे।
प्रदीप बताते है कि जब यूपीएससी की परीक्षा दे रहे थे उस वक्त उनकी मां की तबीयत खराब थी, लेकिन प्रदीप पर इस चीज का कोई असर नहीं हो इसके लिए पिता ने बेटे को मां की तबीयत के बारे में नहीं बताया।
प्रदीप ने इंदौर के आईआईपीएस से बीकॉम की पढ़ाई की है। प्रदीप की इच्छा है कि वह आगे चलकर शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करें। इस बार के रिजल्ट में कुल ७५९ कैंडिडेट को यूपीएससी ने आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और अन्य ग्रुप ए और बी की सेवा के लिए चयनित किया है।