बचपन से ही आईएएस अधिकारी बनने का सपना संजोनी वाली टी.वी अनुपमा केरल के मलप्पुरम जिले के छोट से गांव मारंचेरी की रहने वाली हैं। अनुपमा ने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद अनुपमा आईएएस बनने के सपने की तैयारी में जुट गई। महज 11 महीने की तैयारी में ही उन्होंने देश की प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा को पास कर लिया। वर्ष 2010 में उन्होंने सिविल सिर्विस की परीक्षा में पूरे देश में चौथा स्थान हासिल किया था। न सिर्फ परीक्षा पास कर पद पाया था बल्कि पद संभालते ही भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए हर संभव प्रयास किया।
अनुपमा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐसी मुहिम छेड़ी कि महज 15 महीने में ही केरल के मिलावटखोर उनके नाम से थर-थर कांपने लगे। केरल में फूड सेफ्टी कमिश्नर अनुपमा ने मिलावटखोरों पर नकेल कसने के लिए एक अभियान की शुरूआत की। इस अभियान के तहत कई फल और सब्जी मंडियों में छापेमारी कराई। इसके साथ ही उन्होंने केरल की पेस्टिसाइड लॉबी के खिलाफ जंग छेड़ दी। इसके तहत तमाम खाद्य पदार्थों में मिलावत की जा रही थी। अनुपमा ने कई बड़े ब्रांड के हल्दी, धनिया,मसाले , मिर्च पाउड़र के सैंपलों की जांच कराई।
महज 15 महीने में इस तेज -तर्रार आईएएस अनुपमा ने 6 हजार से ज्यादा नमूने भरवाए और दोषी पाए जाने वाले 750 व्यपारियों पर मुकदमा भी दर्ज करवाया। इससे केरल में चल रहे मिलावटखोरी के अरबों के व्यपार की नीव हिल गई।
इस मिशन की कामयाबी के बाद उन्होंने ऑर्गेनिक क्रांति के लिए लोगों को घरों में सब्जियां उगाने के लिए प्रेरित किया और लोगों को समझाया कि वे यहां पर केरल में तमिलनाडु और कर्नाटक से आने वाली सब्?जियों पर निर्भर ना रहे। आज यहां पर बड़ी संख्?या में लोग सब्?जी आदि खुद ही उगाने लगे। आज टी.वी. अनुपमा की चर्चा हर जगह हो रही है। लोगों का कहना है कि अगर देश में ऐसे अधिकारियों की एक बड़ी संख्?या हो जाए तो देश से चोरी, भ्रष्टाचार और मिलावट जैसी समस्या खत्म हो जाएगी।