मशहूर कार्टूनिस्ट रासीपुरम कृष्णस्वामी लक्ष्मण जिन्हे आर के लक्ष्मण के नाम से भी जाना जाता है। आम आदमी को अपने कार्टून के जरिए पहचान देने वाले या फिर ये कहे कि राजनेताओं पर कटाक्ष का मौका कभी ना गवाने वाले आर के लक्ष्मण का जन्म आज ही के दीन 24 अक्टूबर 1921 को मैसूर में हुआ था। आर के लक्ष्मण को 'द कॉमन मैन? के तौर पर भी जाना जाता है।
इन्होने अपने करियर की शुरुआत अखबार और किताबों के लिए बतौर कार्टूनिस्ट से शुरू किया थी। इनके कार्टून को अखबारों से नई पहचान मिली। इन्होने अपने कार्टून की छवी दुनिया के सामने ऐसी उतारी की आज भी लोग इनकी तारीफों के पुल बांधते नही थकते। आर के लक्ष्मण ने कार्टूनिस्ट के तौर पर आम आदमी की समस्याओं को बड़ी बारीकी से उकेरा, साथ ही राजनेताओं के कई पहलुओं को भी वो अपने कॉर्टून में दिखाया करते थे।
500 रुपए की नौकरी से इन्होने टाईम्स ऑफ इंडिया में शुरुआत की थी। इनके कार्टून 50 साल तक टाइम्स ऑफ इंडिया के पहले पन्ने पर प्रकाशित होते रहे थे। हालांकि 2000 में इन्होने कार्टून बनाना बंद कर दिया था लेकिन छोड़ा नहीं था।
'द कॉमन मैन' के अलावा लक्ष्मण की कुछ मशहूर कृतियां हैं- 'द मेसेंजर', 'सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया', 'द टनल ऑफ टाइम?। सन 1973 को आर के लक्ष्मण को पद्म विभूषण और साल 2005 में पद्म भूषण पुरस्कार से नवाजा गया था। सन 2015 में आर के लक्षमण ने दुनिया को अलविदा कह दिया।