मिथिला की संस्कृति और कलात्मक विरासत अब रेल मार्ग के द्वारा लोगों तक पहुचेंगी और इसकी गौरवशाली विशेषताओं से उन्हें राबरू कराएगी।यात्रियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने से रेलवे अधिकारी भी उत्साहित थे। उनका कहना था कि आने वाले दिनों में और ट्रेनें इसी तरह से सजाई जाएंगी। नई दिल्ली से दरभंगा के बीच चलने वाली बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस क्षेत्रीय कला को प्रदर्शित करने वाली पहली ट्रेन बन गई है। इसके 9 कोच को मधुबनी चित्रकला से सजाया गया है। इस ट्रेन से सफर कर रहे यात्रियों ने कहा कि मधुबनी चित्रकला बिहार की पहचान है और रेलवे के इस कदम देश विदेश के लोगों को इसके बारे में जानकारी मिलेगी।
शुरुआत के लिए, अभी ट्रेन के 9 कोच को सजाया गया है लेकिन जल्द ही पूरी ट्रेन मधुबनी चित्रकला में सजी हुई नजर आएगी। एक कोच को सजाने में 30 कलाकारों को लगभग चार दिनों का समय लगा। अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले मधुबनी स्टेशन को मधुबनी चित्रकला से सुसज्जित किया गया है जिसे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। इस स्टेशन को रेल मंत्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। नई दिल्ली सहित उत्तर रेलवे के अन्य स्टेशनों को भी आकर्षक चित्रकला से सजाने का काम चल रहा है। इस अभियान को सेवा से सुंदरता नाम दिया जा सकता है।
रेल्वे अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में अन्य ट्रेनों को भी इसी तरह से क्षेत्रीय कला संस्कृति से सजाने की योजना है। आकर्षक रंग रूप वाली इस ट्रेन को रवाना करने के लिए उत्तर रेलवे के मुख्य यांत्रिक अभियंता अरुण अरोड़ा, दिल्ली के मंडल रेल प्रबंधक आरएन सिंह सहित कई रेलवे अधिकारी प्लेटफॉर्म पर मौजूद थे।