आचार्य बालकृष्ण आयुर्वेद संस्कृत और वेदों के विद्वान

Sarita Pant

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सितंबर २०१६ में, फोर्ब्स द्वारा उन्हें भारत के ४६ वें सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में स्थान दिया गया था।

बालकृष्ण का जन्म २५ जुलाई १९७२ को हरिद्वार में हुआ, उनकी माता का नाम सुमित्रा देवी और पिता जे वल्लभ है । बालकृष्ण के माता-पिता नेपाल के रहने वाले थे , बालकृष्ण के जन्म के समय उनके पिता हरिद्वार में काम कर रहे थे ।

बालकृष्ण ने वाराणसी से संस्कृत में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की | बालकृष्ण आयुर्वेद, संस्कृत और वेदों के एक विद्वान भी हैं बालकृष्ण बहुत ही साधारण व्यक्ति है और धोती कुर्ता ही पहनना पसंद करते है, जायदातर वह पैदल चलना पसंद करते है और शुद्ध हिंदी बोलते है|

बालकृष्ण वर्ष १९८८ में हरियाणा के कलवा गुरुकुट्ट में शामिल हुए थे। यहां उनकी मुलाकात गुरु स्वामी रामदेव से हुई । बालकृष्ण ने पौधों और उनके औषधीय मूल्यों का अध्ययन करने के लिए पूरे भारत में सम्पूर्ण यात्रा की और आयुर्वेद का तत्त्वों को बारीकी से समझा ।वह कृति के महान प्रेमी है उन्होंने चार दुर्लभ और विलुप्त औवरगारा पौधों का पता लगाया है जो चयवानप्रासार, एक आयुर्वेदिक टॉनिक की तैयारी में इस्तेमाल होता है। उन्होने महान प्रसिद्धि संजीवनी बूटी की खोज की।वर्ष 1993 में गंगा तथा जड़ी बूटियों के अपने ज्ञान के कारण बालकृष्ण और रामदेव ने मिलकर आयुर्वेदिक दवाओं और उपचार के धर्मार्थ संगठनों की स्थापना के लिए बीज लगाए तथा दोनों ने मिलकर वर्ष १९९५ हरिद्वार में दिव्य फार्मेसी नामक एक आयुर्वेदिक चिकित्सा-निर्माण इकाई की स्थापना भी की। बालकृष्ण और बाबा रामदेव ने कई अन्य व्यवसायों की स्थापना भी की| उन्होंने कई हद तक जिद्दी, पुरानी और असाध्य बीमारियों के ब्रह्मकालपा चिक्तिसालय में लाखों रोगियों को ठीक किया है।

पतंजलि योगपीठ के तत्वावधान में कार्यरत चिकित्सा संस्थानों के प्रमुख के रूप में, मुख्य रूप से आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में सफल बनाने के लिए आयुर्वेद के अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित किया।सन १९९५ में बालकृष्ण और बाबा रामदेव ने स्वामी शंकर देव के तहत फार्मेसी की स्थापना की, जिसे आश्रम में ही आयुर्वेदिक और हर्बल दवाइयां बनायीं जा सकी । उनका मिशन अच्छी दवायै बाजार से बहुत कम कीमत पर लोगो को उपलब्ध करवाई जा सके |

बाबा रामदेव के अनुसार बालकृष्ण के पास शुरुवात में पंजीकरण के लिए पैसा नहीं था। आरम्भ में सं १९९८ में लोगो को यह दवाइया मुफ्त में वितरित की गयी थी , २००३ में पैसा आने के बाद कच्चे माल को पीसने, मिक्सिंग और पैकेजिंग से खरीदना शुरू किया गया था बाबा रामदेव ने आचार्य बालकृष्ण को फार्मेसी के प्रमुख के रूप में बनाया और आज फार्मेसी एक व्यवसायिक उद्यम के रूप में चलायी जा रही है , जिसमें कम से काम लगभग दो दर्जन से अधिक विद्यालय हैं, जो रोगियों का निरीक्षण करते है और उनकी बीमारी के अनुसार दवाइयों की सलाह देते है|

बालकृष्ण ने कई हद तक जिद्दी, पुरानी और असाध्य बीमारियों के ब्रह्मकालपा चिक्तिसालय में लाखों रोगियों को ठीक किया है। अपनी दिव्य जहां राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणपत्र वाले आयुर्वेदिक दवाएं निर्माण हो रही हैं|

वर्ष २००६ में बाबा रामदेव और बालकृष्ण ने एक एफएमसीजी कंपनी पतंजली आयुर्वेद की स्थापना की |

बालकृष्ण का बैंक में कोई खाता नहीं था जब उन्होने कार्य किया था सबसे पहले उन्होंने ५० - ६० हजार रुपये का ऋण लिया था| रामदेव बाबा की इस कंपनी में कोई हिसेदारी नहीं है वो सिर्फ एक चेहरा है और कार्यकर्मो तथा शिवारो के माध्यम से इसके उतपादो का समर्थन किया है अभी हाल ही में ४ अगस्त की हर्ब दिवस पतंजलि का जन्मदिन के रूप में मनाया गया है |

बालकृष्ण पतंजलि के सारा कार्य देखते है दिन मे कम से कम वो १५ घंटा कार्य करते है और घर पर कोई वेतन भी नहीं लेते है उन्होंने यह दावा किया है की अभी तक अभी तक के कार्यकाल में कोई अवकाश नहीं लिया है | पतंजलि में बालकृष्ण की ९४ % हिसेदारी है और उन्होंने अभी तक २५६०० करोड़ रूपए के निजी किस्मे का अधिकरण किया है वर्ष २०१२ में पतंजलि कंपनी ने ४५० करोड़ रुपये का कारोबार किया है जो अब २०१६ में बढ़ केर ५००० करोड़ रूपए हो गया है|

भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा अब्दुल कलाम तथा भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, संस्कृत प्रसविनी सभा, भारत में आयुर्वेदिक डॉक्टरों की अकादमी, नेपाल के प्रधान मंत्री, नेपाल के राष्ट्रपति,बालकृष्ण का मानव जाति के प्रति अपनी उत्कृष्टता सेवाओं के लिएसम्मानित किया गया है।बालकृष्ण को संस्कृत विश्वविदयालय, कनाडा-भारतीय नेटवर्क सोसाइटी (सीआईएनएस), और कई पदों से सम्मानित किया गया जैसे वनौषधिपंदित पुरस्कार, आत्मा और उद्यमिता पुरस्कार, सुगुनश्री, मानव रत्न और भारत गौरव पुरस्कार।

बालकृष्ण से सीधे संपर्क के लिये
http://www.acharyabalkrishna.com

पतंजलि का सामान हम ऑनलइन साइट पर देख सख्ते साखते है और आर्डर केर सकते है
https://www.patanjaliayurved.net/

और सुझाव और ग्राहक सेवा अधिकारी से बात क्र सकते है
feedback@patanjaliayurved.org
संपर्क संख्या - १३३४-२२७४४४

दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट) प्रशासनिक कार्यालय: :
पतंजली योगपीठ, महर्षि
दयानंद ग्राम, दिल्ली-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग, बहादुरबाद के पास,
हरिद्वार-२४९४०५ उत्तराखंड, भारत

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ईमेल :- divyayoga@divyayoga.com

पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड,
विभाग ईकॉमर्स, डी -२८ औद्योगिक क्षेत्र,
आयकर कार्यालय के पास,हरिद्वार,
उत्तराखंड - २४९४९०१

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