उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सोमवार को मौनी अमावस्या के खास दिन कुंभ में दूसरा शाही स्नान किया जा रहा है। माघ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या मौनी अमावस्या कही जाती है। हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व होता है। पहले शाही स्नान पर श्रद्धालुओं की उमड़ी लाखों की तादार में लोगों ने डुबकी लगाई थी। वहीं आज कुंभ में दूसरा शाही स्नान है और आज इस पावन अवसर पर लगभग ३ करोड़ लोग आस्था की डुबकी लगा सकते है।
लोगों की बढ़ती तादार को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने घास इंतजाम भी किए है। यहां घाटों की संख्या में भी इजाफा किया गया है। साथ ही संगम पर लोगों की सहुलियत को देखते हुए स्नान के लिए करीब ६ किलोमीटर का घाट तैयार कराया गया है।इस भारी भीड़ को देखते हुए दूसरे शाही स्नान में करीब ४० घाटों पर स्नान की व्यवस्था की गई है।
वैसे तो माघ मास के आरंभ होने से लेकर ही हजारों लोग एक महीने का कल्पवास करने के लिये प्रयाग पहुंच जाते हैं और प्रतिदिन संगम में स्नान करते हैं और माघ की अमावस तथा पूर्णिमा के दिन उनका स्नान विशेष हो जाता है। इस पूरे कल्पवास की अवधि में वे पूर्णरूप से सदाचारी रहते हुए धर्मानुष्ठान में लगे रहते हैं।शाही स्नान की शुरुआत 14वीं सदी में हुई थी। इस स्नान के लिए साधु-संत पालकी, हाथी-घोड़े पर बैठकर आते हैं। सारे अखाड़े अपनी-अपनी शक्ति और वैभव का प्रदर्शन करते हैं। शाही स्नान को राजयोग स्नान भी कहा जाता है। साधु-अनुयायी पवित्र नदी में तय वक्त पर स्नान करते हैं। शाही स्नान के बाद ही आम लोगों को स्नान करने की इजाजत होती है।