सावन का महीना भगवान शिव का महीना माना जाता है। पंचाग के अनुसार इस बार सावन का महीना १७ जुलाई से १५ अगस्त तक रहेगा। सावन का महीना जल तत्व का महीना है। इस साल का सावन बेहद ही खास माना जा रहा है। ४ सोमवार पड़ने की वजह से इसे विशेष शुभ माना जा रहा है। कहा जाता है कि सावन माह में पड़ने वाले चारों सोमवार को पूजा-पाठ और रुद्राभिषेक से विशेष लाभ मिलता है। इस माह के दौरान सोमवार व्रत से भगवान शिव को प्रसन्न कर मनचाहा आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। इसमें आप भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न कर सकते है। मान्यता है कि भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
सावन का महत्व
सावन का महत्व हिन्दू धर्म की पौराणिक मान्यता के अनुसार सावन महीने को देवों के देव महादेव भगवान शंकर का महीना माना जाता है। इस संबंध में पौराणिक कथा है कि जब सनत कुमारों ने महादेव से उन्हें सावन महीना प्रिय होने का कारण पूछा तो महादेव भगवान शिव ने बताया कि जब देवी सती ने अपने पिता दक्ष के घर में योगशक्ति से शरीर त्याग किया था, उससे पहले देवी सती ने महादेव को हर जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण किया था। अपने दूसरे जन्म में देवी सती ने पार्वती के नाम से हिमाचल और रानी मैना के घर में पुत्री के रूप में जन्म लिया। पार्वती ने युवावस्था के सावन महीने में निराहार रह कर कठोर व्रत किया और उन्हें प्रसन्न कर विवाह किया, जिसके बाद ही महादेव के लिए यह विशेष हो गया।
शिवलिंग पर भूल कर भी ना चढ़ाए ये चीजे -
केतकी के फूल - केतकी के फूल भगवान शिव के श्राप के कारण केतकी की फूल शिवलिंग पर नहीं चढ़ाने चाहिए।
तुलसी - तूलसी के श्राप के कारण शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाये जाते।
नारियल - नारियल का पानी देवताओं के पदार्थ को ग्रहण नहीं करता है इसलिए शिवलिंग पर हरे नारियल का पानी नहीं चाढ़ाना चाहिए।
हल्दी - हल्दी स्त्रियों के प्रयोग की वास्तु है इसलिए हल्दी शिवलिंग पर नहीं चढ़ानी चाहिए।
कुमकुम या सिंदूर - कुमकुम या सिंदूर भगवान शिव विनाशक हैं और कुमकुम-सिंदूर विवाहित की निशानी है इसलिए शिवलिंग पर कुमकुम-सिंदूर नहीं चढ़ाने चाहिए।
सावन महीने के दौरान भगवान शिव की आराधना करते समय बरते ये विशेष सावधानियां -
सावन का महीना भगवान शिव को बहुत ही प्रिय होता है। इस कारण मांस, मदिरा, प्याज और लहसुन का सेवन बंद कर देना चाहिए।
सावन के महीनों में दूध का सेवन कम करना चाहिए। यही बात बताने के लिए सावन में शिव जी का दूध से अभिषेक करने की परंपरा शुरू हुई। वैज्ञानिक मत के अनुसार इन दिनों दूध पित्त बढ़ाने का काम करता है।
सावन के महीने में किसी का अपमान नहीं करना चाहिए।