ईद का दिन जरूरतमंदो और महरूम अफरात के मदद के लिये आगे आने का दिन है यह एक इस्लामी त्यौहार है और शैवाल महीना में मनाया जाता है, ईदुल फीडर के दिन महीने भर का रोजा तोड़ा जाता है| ईद के दिन लोग मुल्क की तरक्की के लिये अल्लाह से दुआ करते है|
ईद के दिन को बदले का दिन भी कहते है इस दिन अल्लाह-तलाह बन्दों को बदला देते है जिन मुसलमानो ने महीने भर उपवास और रातो को इबादत की है और उनसे रोजा रखने मे जो गलतिया हुई है उसके लिए अल्लाह-तलाह से माफ़ी मांगते है| महीना भर के उपवास के बाद ईद के दिन अल्लाह तलाह का शुक्रिया अदा करते है कि अल्लाह ने उन्हे महीने भर के उपवास रखने के लिए शक्ति दी | ईद के दिन सभी खुदा से अपने गलतियों के लिये माफ़ी मांगते है|ईद के दिन जो दान या भिक्षा दी जाती है उसे ज़कात उल-फ़ितर कहते हैं।
सुबह प्रार्थना के बाद ईद मनाई जाती है इस दिन मुसलमान दान और भिक्षा दे ते है ईद के दिन को जकात उल-फितर भी कहते है यह दान दो किलो रोज की खाने की चीज़ का हो सकता है जैसे आटा और प्रार्थना से पहलेयह सभी गरीबो में बाटा जाता हैं |
ईद गरीब लोग को खुशियो में शामिल करने का दिन है ईद अपने पास माजूद जरूरत मन्दो की मददद का पैगाम देती है|
ईद के दिन स्वादिस्ट व्यंजन और तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते है और सभी लोग नये कपड़े भी पहने जाते हैं और इत्र लगाते| परिवार और दोस्तों के बीच तोहफ़ों का और सवैया का आदान-प्रदान भी करते है| सिवैया इस त्योहार की सबसे जरूरी खाद्य पदार्थ है जिसे सभी बड़े बड़े और छोटे बड़े चाव से खाते हैं। इस दिन स्वादिस्ट व्यंजन बनाये जाते है और मीठी सेविया बनायीं जाती है|
ईद के दिन बच्चो में बहुत जोश होता है इनको आज के दिन अपने बड़ो से ईदी मिलती है |
मुसलमानों का त्योहार ईद मूल रूप से भाईचारे को बढ़ावा देने वाला त्योहार है। इस त्योहार को सभी आपस में मिल के मनाते है और खुदा से सुख-शांति और बरक्कत के लिए दुआएं मांगते हैं।