जानें क्या है गुरु पूर्णिमा का महत्व

Aazad Staff

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व्यक्ति के जीवन को नई दिशा देने वाले होते है गुरु।

हिन्?दू कैलेंडर के मुताबिक आषाढ़ शुक्?ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता हैं। इसी दिन महाभारत और चार वेदों के रचयिता महर्षि कृष्?ण द्वैपायन व्?यास जिन्हे महर्षि वेद व्?यास के नाम से भी जाना जाता है। वेद व्?यास का जन्?म आज ही के दिन हुआ था। गुरु पूर्णिमा को व्?यास पूर्णिमा भी कहा जाता है।

गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा की पूजा की जाती है। इसके पिछे ये मान्यता है कि गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्?ति नहीं हो सकती इसलिए गुरु की कृपा से व्?यक्ति कुछ भी हासिल कर सकता है। यहीं कारण है कि गुरु को भगवान से भी ऊपर दर्जा दिया गया है। पुराने समय में गुरुकुल में रहने वाले विद्यार्थी गुरु पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से अपने गुरु की पूजा-अर्चना करते थे।

गुरु का अर्थ -
गुरु? शब्द संस्कृत के दो शब्दों ?गू? और ?रू? से मिल कर बना है। ?गू? का अर्थ होता है अंधेरा या अज्ञानता और ?रू? का अर्थ है ?निवारण?। यानी गुरु का अर्थ हुआ एक ऐसा व्यक्ति जो अज्ञानता रूपी अंधकार को जीवन से मिटा दे।

गुरु पूर्णिमा के दिन लोग अपने गुरु की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। गुरु की दी गई शिक्षा के लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं। नेपाल में गुरु पूर्णिमा के दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है और इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। कई लोग इस दिन को भगवान बुद्ध की याद में भी मनाते है।

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