Hariyali Teej : हरियाली तीज पूजा मुहूर्त और महत्व

Sarita Pant

Festivals

श्रावण मास में आने वाली हरियाली तीज का काफी महत्‍व है। इस दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। सावन के महीने में इस पर्व को मनाए जाने के कारण इसे हरियाली तीज कहा जाता है

हरियाली तीज श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। इस साल हरियाली तीज 19अगस्त 2023 दिन शनिवार को मनाई जाएगी। सावन की तीज (हरियाली तीज) को शास्त्रों में करवा चौथ जैसा ही महत्व दिया गया है। इस दिन सुहागिनें पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। बता दें कि यह त्यौहार नाग पंचमी के दो दिन पहले मनाया जाता है। यह महिलाओं के मुख्य त्यौहारों में से एक है।

हरियाली तीज मनाने की परंपरा -

इस दिन महिलाएं दिन भर का उपवास रखती हैं और पति सहित समस्त घर के सुख, समृद्धि की कामना करती हैं। अगर महिला ससुराल में है तो इस दिन खासतौर पर मायके से उनके लिए कपड़े, गहने, श्रृंगार का सामान, मेहंदी, मिठाई और फल आदि भेजे जाते हैं। सावन के महीने में हर ओर हरियाली होती है और प्रकृति अपना सौंदर्य बिखेर रही होती है। इस लिए इसे हरियाली तीज कहा जाता है। इस दिन झूला झूलने का भी विशेष महत्व है। कई जगह इस दिन भगवान शिव और पार्वती जी का जुलूस भी निकाला जाता है।

हरियाली तीज पूजा विधान क्या है ?

- इस दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी आयु के लिए दिनभर उपवास रखती है तथा १६ श्रृंगार करती।

- सायंकाल को महिलाए भगवान शिव और मां पार्वती की उपासना करती।

- शिव और मां पार्वती के मंदिर में घी का बड़ा दीपक जलाती है।

- इस दिन संभव हो तो मां पार्वती और भगवान शिव के मंत्रों का जाप करना चाहिए।

- पूजा समाप्ति के बाद किसी सौभाग्यवती स्त्री को सुहाग की वस्तुएं दान करनी चाहिए तथा उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।

- इस दिन काले और सफेद वस्त्रों का प्रयोग करना वर्जित माना जाता है। इस दिन हरा और लाल रंग सबसे ज्यादा शुभ होता है।

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