दिवाली 2018 : दीपावली पूजन विधि और मुहूर्त

Aazad Staff

Festivals

दिवाली के दिन शुभ मुहूर्त पर अगर आप पूजा करते है तो पूजा का फल अवश्य मिलता है। तो आइये जानते है क्या है इस साल दिवाली का शुभ मुहूर्त।

कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन दिवाली का त्योहार देश भर में धूम धाम से मनाया जाता है। इस बार यह 7 नवंबर 2018 को मनाई जाएगी। दिवाली को प्रकाशोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार यह मान्यता है कि आज के ही दिन भगवान राम चौदह साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। उनके आने की खुशी में अयोध्यावासियों ने घर में घी के दिए जलाए थे। दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।

शुभ मुहूर्त

लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त: शाम 17:57 से 19:53 तक।

प्रदोष काल: शाम 17:27 बजे से 20:06 बजे तक।

वृषभ काल: 17:57 बजे से 19:53 बजे से तक।

महानिशा काल पूजा मुहूर्त: रात्रि 11:38 से लेकर रात को 12:31 तक

अमावस्या तिथि आरंभ- 22:27 (06 नवंबर)

अमावस्या तिथि समाप्त- 21:31 (07 नवंबर)

दिवाली पूजा विधि

शिव पुराण के अनुसार कार्तिक अमावस्या के दिन प्रात: काल स्नान आदि से निवृत्त होकर सभी देवताओं की पूजा निम्न विधि से करनी चाहिए। इस दिन संभव हो तो दिन में भोजन नहीं करना चाहिए।

घर में शाम के समय पूजा घर में लक्ष्मी और गणेश जी की नई मूर्तियों को एक चौकी पर स्वस्तिक बनाकर तथा चावल रखकर स्थापित करना चाहिए। मूर्तियों के सामने एक जल से भरा हुआ कलश रखना चाहिए। इसके बाद मूर्तियों के सामने बैठकर हाथ में जल लेकर शुद्धि मंत्र का उच्चारण करते हुए उसे मूर्ति पर, परिवार के सदस्यों पर और घर में छिड़कना चाहिए।
गुड़, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, पंचामृत, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला आदि सामग्रियों का प्रयोग करते हुए पूरे विधि- विधान से लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। इनके साथ- साथ देवी सरस्वती, भगवान विष्णु, काली मां और कुबेर देव की भी विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। पूजा करते समय 11 छोटे दीप तथा एक बड़ा दीप जलाना चाहिए।

Latest Stories

Also Read

CORONA A VIRUS? or our Perspective?

A Life-form can be of many forms, humans, animals, birds, plants, insects, etc. There are many kinds of viruses and they infect differently and also have a tendency to pass on to others.