कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही धन्वन्तरि का जन्म हुआ था इसलिए इस तिथि को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। धन तेरस का अर्थ धन को तेरह गुणा करना होता है। भगवान धनवंतरी को औषधि का जनक भी कहा जाता है क्यों कि वो समुद्रमंथन के दौरान कई औषधियों को लेकर अपने साथ आए थे। धन्वन्तरि जो चिकित्सा का देवता कहा जाता है। इस दिन लोगों उनसे स्वास्थ्य और सेहत की कामना करते है। यहां धन का अर्थ समृद्धि है और तेरस का मतलब तेरह दिनों से है। दिवाली से ठिक एक दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है। इस दिन धन और आरोग्य के लिए भगवान धनवंतरी पूजे जाते हैं। इस दिन गणेश और मां लक्ष्मी के साथ कुबेर की पूजा अर्चना की जाती है।
धनतेरस शुभ मुहूर्त
धन तेरस तिथि - 5 नवंबर 2018, सोमवार
धनतेरस पूजन मुर्हुत - 18:05 बजे से 20:01 बजे तक
प्रदोष काल - 17:29 से 20:07 बजे तक
वृषभ काल - 18:05 से 20:01 बजे तक
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ - 01:24 बजे, 5 नवंबर 2018
त्रयोदशी तिथि समाप्त - 23:46 बजे, 5 नवंबर 2018
पूजा विधि -
धनतरेस पर धन्वंतरि और लक्ष्मी गणेश की पूजा करने के लिए सबसे पहले एक लकड़ी का पाटा लें और उस पर स्वास्तिक का निशान बनाएं। दीपक पर रोली और चावल का तिलक लगाएं। दिपक में थोड़ी सा मीठा डालकर भोग लगाएं फिर देवी लक्ष्मी और गणेश भगवान को कुछ पैसे चढ़ाएं। दीपक का आर्शीवाद लेकर दिए को मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा में रखे।