नहाय खाय के साथ छठ पूजा की शुरूआत होती है। ये पर्व चार दोनों तक चलता है। इस पर्व में साफ-सफाई का बहुत महत्व होता है इसीलिए छ्ठ का प्रसाद बनाते समय कई सावधानियां बरती जाती है। छठ पूजा के दौरा सूर्य भगवान को जिस बर्तन से अर्घ्य देते हैं, उसका विशेष ध्यान रखना चाहिए। यह चांदी, स्टेनलेस स्टील, ग्लास या प्लास्टिक का नहीं होना चाहिए।
छठ पूजा का प्रसाद साफ-सुथरी जगह पर बनाना चाहिए। इस बात का ध्यान रखे कि जिस जगह प्रसाद बन रहा है उस जगह खाना नहीं खाएं। इस बात का भी ध्यान रखे की प्रसाद बनाते वक्त खाना नहीं खाना चाहिए और नमक इत्यादि को ना छुएं। पूजा के दौरान व प्रसाद बनाने के दौरान हर किसी को साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए।
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बिना हाथ धुले पूजा के किसी भी सामान को ना छुएं। बच्चों को छठ पूजा का प्रसाद जूठा ना करने दें जब तक छठ पर्व संपन्न ना हो जाए। छठ व्रतियों को बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए।
लहसुन-प्याज का सेवन नहीं करें। खाना बनाने के लिए सिर्फ सेंधा नमक का ही इस्तेमाल करें। छठ पूजा के दौरान मांसाहार के अलावा शराब इत्यादि का सेवन घर में नहीं करना चाहिए।
छठ मइया के प्रति अगर कोई मान्यता रखी हो तो उसे जरूर पूरा करना चाहिए। भोजन ग्रहण करने से पहले सूर्य देवता को अर्घ्य जरूर देना चाहिए। सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन ग्रहण करें।