जानेमाने फिल्म निर्देशक और निर्मात यश चोपड़ा ने रोमांस की एक नई कहानी को जन्म दिया था। दीवार, सिलसिला, चांदनी, डर जैसी मशहूर फिल्मे बनाने वाले यश चोपड़ा ने इस फिल्म इंटस्ट्री को पर्दे पर प्यार के कई मायने सीखाए।
यश चोपड़ा का जन्म 27 सितंबर 1932 को पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था। उनकी शिक्षा लाहौर में हुई। सन 1945 में य़श चोपड़ा का परिवार भारत में आकर बस गया। यश चोपड़ा अपने परिवार के साथ लुधियाना में बस गए।
यश चोपड़ा चाहते थे की वो इंजीनियर बने जिसके लिए वो आगे पढ़ाई के लिए लंदन जाने वाले थे, लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। फिल्मों में करियर बनाने का सपना लिए यश चोपड़ा मुंबई आए। सन 1959 में पहली फिल्म 'धूल का फूल' का निर्देशन किया जिसके लिए उन्हे काफी सराहा गया। फिर क्या था साल बीतते गए और यश चोपड़ा नई ऊचाईयों को छूते गए।
यश चोपड़ा को रोमांटिक फिल्मों का जादूगर कहा जाता था। उनकी अंतिम फिल्म ?जब तक है जान? भी रोमांटिक फिल्म थी। 2001 में उन्हें भारत के सर्वोच्च सिनेमा सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया था। वहीं, 2005 में उन्हें पद्मे भूषण सम्मान मिला। फिल्मों की शूटिंग के लिए यश चोपड़ा को स्विट्ज रलैंड सबसे ज्यादा पसंद था। अक्टूबर 2010 में स्विट्ज़रलैंड में उन्हें वहां एक अवॉर्ड से भी नवाजा गया था। स्विट्जंरलैंड में उनके नाम पर एक सड़क भी है और एक ट्रेन भी चलाई गई है।