बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता, फ़िल्म निर्देशक, लेखक और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित विजेता गिरीश कर्नाड अब हमारे बीच नहीं रहें। लम्बी बीमारी के बाद सोमवार सुबह तकरीबन ६.३० बजे उनका निधन हो गया। गिरीश कर्नाड (Girish Karnad ) के निधन से बॉलीवुड में शोक का माहौल है।
गिरीश कार्नाड का जन्म १९ मई, १९३८ को महाराष्ट्र के माथेरान में हुआ था। उन्हें साल १९४७ में पद्म श्री और साल १९९२ में पद्म भूषण अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है। अपनी लेखनी के लिए वे १९९८ में ज्ञानपीठ अवॉर्ड से भी नवाजे जा चुके हैं। कार्नाड के लिखे तुगलक, हयवदन, तलेदंड, नागमंडल व ययाति जैसे नाटक बहुत पॉपुलर हुए थे और इन्हें कई भाषाओं में ट्रांसलेट कर परफॉर्म किया जा चुका है। गिरीश कर्नाड की हिंदी के साथ-साथ कन्नड़ और अंग्रेजी भाषा पर भी अच्छी खासी पकड़ थी।
गिरीश कार्नाड ने १९७० में फिल्म समस्कारा से एक्टिंग और स्क्रीनराइटिंग में डेब्यू किया था। वे पॉपुलर टीवी शो मालगुडी डेज में स्वामी के पिता के किरदार में भी नजर आए थे। गिरीश कर्नाड ने बॉलीवुड में भी कई फिल्मों में काम किया है। बॉलीबुड में दबंग स्टार सलमान खान के साथ सुपरहिट फिल्म एक था टाइगर और टाइगर जिंदा है में आखरी बार नजर आए थे।