फिल्म निर्देशक अमोल पालेकर को सरकार की आलोचना करना पड़ा भारी

Aazad Staff

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फिल्म निर्देशक अमोल पालेकर शनिवार को नेशनल गैलरी ऑफ मॉर्डन आर्ट कार्यक्रम में भाषण दे रहे थे और इस दौरान सरकार की आलोचना करने पर उनका भाषण बीच में ही रोका दिया गया।

फिल्म निर्देशक और अभिनेता अमोल पालेकर को शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान अपने भाषण को बीच में ही रोकना पड़ा। अमोल पालेकर नेशनल गैलरी ऑफ मॉर्डन आर्ट (एनजीएमए) कार्यक्रम की एक प्रदर्शनी के दौरान तैयार भाषण लेकर आए थे, जिसमें वह सरकार, विशेष रूप से संस्कृति मंत्रालय की आलोचना कर रहे थे। इस दौरान उन्हें कार्यक्रम के आयोजकों ने बार बार टोका और कहा कि वे कार्यक्रम से संबंधित बातों पर ही बातचीत करें।

बहरहाल यह वीडियो इंटरनेट पर काफी वायरल हो रहा है। बता दें कि अमोल पालेकर मशहूर आर्टिस्ट प्रभाकर बारवे के स्मरण में आयोजित प्रदर्शनी के दौरान 'इनसाइड द इम्पटी बॉक्स' टॉपिक पर बोल रहे थे। इसी दौरान जब उन्होंने मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर के खिलाफ कुछ बातें कहना शुरू ही किया था कि उन्हें रोक दिया गया। इसके बाद पालेकर ने इसका विरोध जताते हुए कहा कि कोई कैसे मेरा भाषण रोक सकता है जिसके बाद पालेकर अधूरा भाषण छोड़कर बैठ गए। बता दें कि इस वीडियों में अमोल पालेकर कह रहे हैं कि, 'क्या आप मुझे स्पीच बीच में खत्म करने के लिए कह रही हैं? क्या मेरे बोलने पर सेंसरशिप लगा रही हैं?'

ऐक्टर बनने से पहले अमोल पालेकर थिएटर जगत से जुड़े रहे है। अमोल थिएटर में बतौर निर्देशक के रूप में अपनी स्थाई पहचान बना चुके है। हिंदी फ़िल्मों में उन्होंने सन १९७४ में बासु चटर्जी की फ़िल्म रजनीगंधा से एंट्री की थी। एक अभिनेता के रूप में उन्होंने चितचोर, घरौंदा, गोलमाल मेरी बीवी की शादी, बातों-बातों में, नरम-गरम, श्रीमान-श्रीमती जैसी कई यादगार फिल्मों में काम किया।

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